à¤à¤µ à¤à¤µ रà¥à¤²à¥‡ हैं
तरà¥à¤œ: चà¥à¤ª चà¥à¤ª खड़े हो...
à¤à¤µ à¤à¤µ रà¥à¤²à¥‡ हैं, न पाया कोई पार है
तेरा ही आधार है तेरा ही आधार है ॥
जीवन की नाव यह करà¥à¤®à¥‹à¤‚ के मार से
उलà¤à¥€ है बीच बीच गतियों की मार से
रही सही पतिका तू ही पतवार है ।१। तेरा ही...
सीता के शील को तà¥à¤¨à¥‡ दिपाया है
सूली से सेठको आसन बिठाया है
खिली खिली कलि सा किया नाग हार है ।२। तेरा ही...
महिमा का पार जब सà¥à¤° नर ना पा सके
'सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯' पà¥à¤°à¤à¥ गà¥à¤£ तेरे कà¥à¤¯à¤¾ गा सके
बार बार आपको सादर नमसà¥à¤•ार है ।३। तेरा ही...