हमने दà¥à¤– सहे है ,
करà¥à¤®à¥‹ को पाल के।
इक दिन बनेंगे वीर हम ,
करà¥à¤®à¥‹ को टालके।।
बंधन को तोड दो तà¥à¤®,
मोह माया जाल के ।
अहिंसा के पà¥à¤œà¤¾à¤°à¥€ है हम ,
तà¥à¤°à¤¿à¤¶à¤²à¤¾ के लाल के ।।
इक इक पग अपना,
रखना समà¥à¤¹à¤¾à¤² के।
कà¥à¤—रॠवैठे है ,
शिकारी के जाल से।।
इक इक पग-----------------
हमने दà¥à¤– सहे------------
बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ ना हो पावे ,
ये जीवन का बगीचा ।
तारण तरण गà¥à¤°à¥ ने ,
अपने जà¥à¤žà¤¾à¤¨ से सींचा ।।
सदà¥à¤—à¥à¤°à¥ की वाणी को ,
हà¥à¤°à¤¦à¤¯ मे धार के ।
इक दिन बनेंगे --------------
जग के जंजाल से ,
रखना ना वासà¥à¤¤à¤¾ ।
मंजिल तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ शिवपà¥à¤°,
लंबा है रासà¥à¤¤à¤¾ ।।
कà¥à¤—रॠकà¥à¤¦à¥‡à¤µ à¤à¤Ÿà¤•ायेगें,
धोखे मे डाल के ।
इक इक पग ------------------
धन दौलत के जोर पर ,
à¤à¤‚ठी है ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ।
अपनी मौत को à¤à¥‚ली ,
वैठी है ये दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ ।।
तà¥à¤® धरà¥à¤® धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करना ,
काम लाख टालके ।
इक इक पग --------------------
मिथà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤µ की à¤à¥‚ल ,
à¤à¥‚लैया मे ना à¤à¥‚लो ।
संसार इक सपना है ,
इसमे ना तà¥à¤® फूलो ।।
अब वकà¥à¤¤ है सही ,
आतà¥à¤® धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ धार लो ।
आतम का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ धरकर ,
जीवन संवार लो ।।
बंधन को तोड "अंतिम",
तà¥à¤® माया जाल के ।
इक इक पग ------------------