तरà¥à¤œ - ये देश है वीर जवानो का, अलवेलो का मसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹ का
ये दà¥à¤µà¤¾à¤° है माठजिनवाणी का ,
सहारा जग के पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ का ।
इस दà¥à¤µà¤¾à¤° पे यारो तà¥à¤® रहना ,
ये है गà¥à¤°à¥à¤µà¤° का कहना ।।
यहाठवेदी पे वाणी वीरो,
जो राह बताठमहावीरो की ।
यहाठसिदà¥à¤§à¥‹ के होते दरà¥à¤¶à¤¨ है,
होता जिनवाणी मंथन है ।।
सà¥à¤µà¤¾à¤§à¥à¤¯à¤¾à¤¯ से सà¥à¤µ धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ करे हम,
शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¤à¤® का धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ धरे हम ।
यहाठà¤à¤œà¤¨ है होते à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ मे ,
à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ होती है मसà¥à¤¤à¥€ मे ।।
ये दà¥à¤µà¤¾à¤° है --------------
यहाठवसता है à¤à¤—वन कण कण मे,
यहाठदरà¥à¤¶à¤¨ है होते कà¥à¤·à¤£ कà¥à¤·à¤£ मे ।
शिखरो पे केशरिया लहराता है ,
जिन शासन का मान बढाता है ।।
गà¥à¤°à¥ तारण के à¤à¤•à¥à¤¤ है हम ,
जिन शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤¨ मे शकà¥à¤¤ है हम।
यहाठतीन छतà¥à¤° ये बतलाते है,
जिनवाणी से तीन लोक सà¥à¤– पाते है।।
हम "अंतिम" ये à¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚,
à¤à¤µ à¤à¤µ मे दà¥à¤µà¤¾à¤° यही पायें ।
ये दà¥à¤µà¤¾à¤° है ----------------------